कैसी है कश्मकश कि दिल
तनहा है...
फिर भी हम महसूस कर
नही पाये..
उसे अपनी यादों से निकाल
नही पाये..
कई अरसो से हम उन्हें मिल नहीं पाये..
कई अरसो से हम उन्हें देख नहीं पाये...
पलकों पे हमने अपनी बिठाया है उसे.
ये बात भी हम उसे कभी बता नही पाये...
अफ़सोस इस बात का नहीं कि हम उन्हें मिल नहीं
पाये,
देख नहीं पाये..
अफ़सोस तो इस बात का है कि फिर भी हम उन्हें भूल
नही पाये...
-By Brijesh Patel
============================
तनहा है...
फिर भी हम महसूस कर
नही पाये..
उसे अपनी यादों से निकाल
नही पाये..
कई अरसो से हम उन्हें मिल नहीं पाये..
कई अरसो से हम उन्हें देख नहीं पाये...
पलकों पे हमने अपनी बिठाया है उसे.
ये बात भी हम उसे कभी बता नही पाये...
अफ़सोस इस बात का नहीं कि हम उन्हें मिल नहीं
पाये,
देख नहीं पाये..
अफ़सोस तो इस बात का है कि फिर भी हम उन्हें भूल
नही पाये...
-By Brijesh Patel
============================
No comments:
Post a Comment